अब कुछ धुँधली होने लगी हैं
वे यादें और वे बातें
वहीं यादें जिन में
तुम्हे समेट रखा था
वहीं बातें जिन में
पहले पहले प्यार का कुछ हिस्सा था ।
अब धुँधली होने लगी हैं
वह चेहरे की मुस्कुराहटें
वहीं मुस्कराहट जिनसे
मेरा दिन बनता था
वहीं मुस्कराहट जिनसे
यह दिल पिघलता था ।
अब धुँधली हो गयी है
वह हर बात तेरी
जिस बात की बात पर
मैंने तुमसे इश्क़ किया था
अब धुँधली हो गयी है
वह हर रात मेरी
जिस जिस रात मैंने
ख्वाब तेरा देखा था ।
अब टूट कर बिखर गया है
पहले प्यार का कारोबार ।
पहले था जो बेशुमार
अब नहीं मुझे तुमसे प्यार ॥
शुभिका

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